प्रयास, संघर्ष और मंजिल का साथी...
सोचने लगा कि काश! मैं उस लड़की के चक्कर में बस से आ गया होता! थोड़ी देर सही मगर घर पर सही सलामत पहुंच गया होता! सोचते-सोचते करवट बदला. बगल वाली बेड पर उस लड़की को देखकर