Tuesday 22 March 2016

इ हमार बिहार, दी सबके बहार- "बस यूं ही प्यार देते रहिये ताकि मिशाल बने हम समाज के लिये और आने वाले वर्तमान के लिये."

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इ चाणक्य के धरती बिहार, हां! वही जिसने राजनिती को जन्म दिया और अइसे कहे कि लोकतंत्र के ऊर्जा. काहे की बिना राजनिती के तो जनतंत्र बिल्कुल अधुरा है, ठीक वैसे ही जैसे बिना पेट्रोल की बाइक. चन्द्रगुप्त के एक विचार के ऊपर मोटे मोटे राजनितीक ग्रंथ लिखे गये और आज भी कोई न कोई तो लिख ही रहा होगा. आज आप जो भी देख रहे है राजनिती के क्षेत्र में, नेता और नेतृत्वकारी का बढता क्षेत्र सब यही की ऊपज है. आज तो हाल ऐसा है की हर घर में नेता है और हर जिले में राजनितीक पार्टीयां. चाहे महागठबंधन हो या राजनिती के नये नये चाल, बिहार देता है. देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, छात्र नेता के जनक जय प्रकाश नारायण और आज के प्रसिध्द सफल नेता लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार इन्ही की देन है. हमारा तो डीएनए ही राजनिती का है और ब्लड ग्रुप भी. कुशल समाजिक विचारकों के वजह से ही तो हमने विश्व का पहला नालंदा विश्वविद्यालय दिया. भोजपुरी को तो प्यार सब करते है लेकिन बिदेशिया के लेखक व निर्देशक ने इसको देश विदेश में पहुंचाया तो फिर उनकाे कैसे बिसार दे. आज तो भोजपुरी गानों पर विदेशी भी थिरकने लगे है, विश्वास नही है तो अमरिका में रिमेक हुआ लालीपाप लागेलु सुन लिजिये. और यहां की बोली तो इतनी प्यारी है की हिंदी के फिल्मों में इसका व्यापक रूप से प्रयोग हो रहा है और कई सुपरहिट फिल्मों का यह राज है. यह एक नयी क्रांति भर रही है बालीवुड के फिल्मों में. इन्हीं प्रभावों से तो बिहार सरकार इस बार प्रभावित हाे बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति बनाने का संकल्प ले लिया है ताकि उदित नारायण, मनोज वाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी, नीतू चंद्रा जैसे अन्य बिहारी कलाकार उभरे व अपनी पहचान बना सके. बिहार तो विहार का केंद्र इतिहास काल से ही रहा है और फिलहाल में हमारी सरकार ने इस पस विशेष ध्यान देते हुये, विशाल संग्रहालय और गंगा का सुरक्षित व मनोरम सैर कराने के लिये कार्य शुरु कर दिया है. काहे की बुध्द का गया, राजगिर के पहाड, वैशाली की सभ्यता और मधेपुरा का पेंटींग तो हमें यही राह दिखाता है. विश्वास कर के एक बार बिहार के विरासत का वास्तविक दर्शन तो किजिये. हालांकि दारू के वजह से हम थोडे बदनाम है लेकिन नशा मुक्ति के लिये पहला कदम भी हमने बढा दिया है ताकि अापके खातिरदारी में कमी न हो. जब आयेंगे तो लिट्टी चोखा और बिहारी टानिक सत्तू का आनंद ले लिजियेगा काहे की ऐतना महंगाई में एतना सस्ता, स्वादिष्ट और सेहतमंद कुछ नहीं मिलेगा. क्योंकी इसका स्वाद आमिर खान, अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेता भी ले चुके है. चाहे विदेश हो या देश हम लोग हर जगह अपनी पहचान बना रहे है अौर समाज को एक नया आयाम देते हुये आ रहे है. उदाहरण बहुत है और आपके सामने है. इतिहास व आज के आंकडो को देखिये हमने जब भी किया, नया व सृजनशील किया और उदाहरण बने समाज के लिये. यह गुमान के साथ नही बल्कि गर्व से बोल रहा हूं क्योकिं इस गर्व का एहसास भी आपने ही करवाया है और और बस यूं ही प्यार देते रहिये ताकि मिशाल बने हम समाज के लिये और आने वाले वर्तमान के लिये.

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